ऐ भाई अगर नु ही रहा टाइम म्हारा भी ख़राब आने वाला जल्दी ही या फिर!

ये हाल है बिहार के जहाँ लोग बाग आजकल सुशाशन कहते नहि थकते , पर हक़ीक़त देख लो आप सबके सामने पूरा का पूरा बिहार कुछ महारस्त्र में कुछ पंजाब और हरियाणा दिल्ली में और रहा सहा हमारे यहाँ .



इन लोगों की भी क्या ज़िंदगी कर दी है वहाँ के नेता लोगों ने की हर एक दूसरा आदमी बिहार छोड़ने के मजबूर है और इसका सीधा सीधा कारण है भरस्टाचार जो की वहाँ ख़ूब पहले से किया गया है और अभि भी चल रहा है और इनका भी क्या कहने दारू के चक्कर में वोट किसी को भी फिर भागे भागे फिरते है.

अपना तो बस यही कहना है काम सबको अपने घर के पास मिले और लोग अपना और अपने क्षेत्र का विकास करें तभी हमारी पहचान है नहि तो आपने ऊपर देख ही लिया है हालात और भी बदतर हो रहे है

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