क्या लड़कियों के मन में भी गंदे विचार आते होंगे

पहले सबसे बड़ी बात यह है कि गंदे विचार का क्या तात्पर्य है अगर गंदे विचार का तात्पर्य है कि किसी का भी बुरा करना या किसी को हानि पहुंचाना तो यह भी हर एक व्यक्ति के दिमाग की उपज हो सकती है और यह निर्धारित करती है कि आपका परिवार कैसा है और किस तरीके के नैतिक जिम्मेदारी आपके परिवार ने आपको दी है आप का मूल स्वभाव कैसा है और आपका परिवार कैसा है परंतु अगर आप बात कर रहे हैं किसी भी प्रकार की शैक्षिक मानसिकता की तो यह भी देखा गया है कि अगर कोई भी इंसान चाहे वह लड़की ही क्यों ना हो,


इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि जो व्यक्ति जितना ज्यादा बलिष्ट और स्वास्थ्य से अच्छा होता है उसको सबसे ज्यादा किसी भी गंदी बात यानि सेक्स संबंधी चीजों की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है कोई भी व्यक्ति चाहे वह मर्द हो या औरत या फिर कोई भी लड़की अगर उसको बहुत ही ज्यादा परिश्रम करना पड़ रहा है तो उसका थका हुआ शरीर हमेशा इस ओर इशारा करता है और अगर वह अपने दिमाग पर काबू नहीं रख पाती तो हमेशा ही उसके दिमाग में यह गंदी चीजें यानी गंदी बातें दौड़ती रहती हैं


अगर बात की जाए प्रकृति के नियम की तो जिस तरीके से किसी भी पुरुष या फिर नवजात शिशु यानी लड़के का जन्म होता है ठीक उसी प्रकार किसी भी लड़की का जन्म होता है तो यह एक प्राकृतिक प्रोसेस है जिसके अनुसार ही सभी प्राणी या कहिए इंसान काम करते हैं और ऐसे गंदे विचार किसी के मन में आने का एकमात्र कारण होता है उसकी आयु यानी अगर कोई भी व्यक्ति और इंसान या फिर लड़की अपनी युवा या फिर कहिए यौवन अवस्था में है तो उसके मन में इस तरीके के विचार आना लाजमी है और फिर उसके दिमाग में अगर कोई दूसरा आवश्यक कार्य नहीं है तो यह गलत विचार बहुत बुरी तरीके से फंस जाते हैं और वह अपने शरीर को शांत करने के लिए अलग-अलग तरीके ढूंढती रहती है यह तरीका और यह उपाय सभी लड़कों पर भी उसी तरीके से प्रभावित होता है,

गलत विचारों या फिर गन्दी बातों से कैसे बचें ?

देखिए अगर बात की जाए युवा अवस्था की तो युवा अवस्था एक ऐसी उम्र होती है समय कालीन जिसमें सबसे ज्यादा किसी भी प्राणी में जोश और शक्ति होती है और फिर वह किसी भी सही या गलत का फैसला करने में असमर्थ रहता है क्योंकि वह हर कार्य को अपनी सामर्थ्य और ताकत लगाकर करना चाहता है यही कारण होता है कि बहुत बार वह गलत कामों में भी फंस जाता है और इससे बचने का सीधा-सीधा एक ही तरीका है कि आप उस उम्र में जो भी काम करें उसमें उसे मन लगाकर करें ताकि आपके पास किसी भी दूसरे विचारों के लिए समय ही ना हो या फिर आप योगा और मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं जिससे कि आपका मन एकाग्र चित्त रहें और आपके मन में किसी भी तरीके की बुरे विचार ना आए और बुरे विचार आना किसी भी इंसान को आ सकते हैं लड़कियों के मन में भी गंदे विचार जरूर आते हैं,


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