पाकिस्तान ने चीन में फंसे अपने नागरिकों को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया है , कुछ भारतीय मुस्लिम उन्हें वहां से निकालने के लिए भारत सरकार से मदद मांग रहे हैं क्या उनका ऐसा करना ठीक है ?
भारत में चाइना में फंसी अपने सभी नागरिकों को सकुशल और ठीक तरीके से वहां से पहले ही निकाल लिया था क्योंकि भारत को अंदाजा हो गया था कि यह महामारी एक बहुत ही विकराल रूप धारण कर लेगी और ऐसा हुआ भी अभी सोचने वाली बात यह है कि इस बीमारी का अभी कोई भी तोड़ या फिर कहिए दवाई अभी याद नहीं हुई है तो किस प्रकार से इस खतरनाक महामारी से बचा जा सकता है यह अभी संशय का ही प्रश्न है
पर आप इस बात को भी नकार नहीं सकते जब हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थी तो उन्होंने गल्फ कंट्रीज या फिर कहिए सऊदी कुवैत कतर और अन्य देशों में फंसे हुए अपने भारतीयों को भी बचाया है बहुत बार तो इन्होंने इस मामले में इस तरीके से भी बहुत जल्दी कदम उठाए हैं अगर कोई भी भारतीय किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कहीं पर फंसे होने का कोई वीडियो जारी करके सुषमा स्वराज जी से ऐसी मदद मांगता था तो सुषमा स्वराज जी हमेशा तत्पर नहीं है उनकी मदद करने के लिए और वहां से जल्द से जल्द निकाल देती थी पर पाकिस्तानियों के बारे में तो यह बिल्कुल ही उल्टा है आप देखें कि जब सुषमा स्वराज जी की तबीयत खराब थी और वह एम्स में भर्ती हुई थी तो उनके निधन पर एक पाकिस्तानी जानवरों की तरह गाली गलौज और अन्य खुशियां मना रहे थे तो क्या उस हिसाब से हमें इनकी मदद करनी चाहिए एक पड़ोसी होने की हैसियत से तो बिल्कुल भी नहीं क्योंकि अगर किसी पड़ोस में किसी पड़ोसी के घर कोई
इस तरीके की मौत हो जाती है तो पड़ोसियों का होता है कि वह उन्हें हर मामले में सहयोग करें क्योंकि उनके घर तो काफी दिनों तक खाना बना बनता भी नहीं है तो इस तरीके से तो यही कहा जा सकता है कि अगर कोई सच्चा पड़ोसी है तो वह ऐसे मामलों में या फिर ऐसी स्थिति में उसके साथ
जबकि पाकिस्तान के साथ बिल्कुल उल्टा है अगर कोई पड़ोसी दूसरे के दुख पर खुशी मनाता है तो उससे बड़ा दुश्मन उसका कोई नहीं हो सकता तो इस विषय में तो मैं यही कहना चाहूंगा कि आप खुद ही इन
ट्विटर के रिप्लाई से आप खुद ही जान सकते हैं कि किस तरीके से इनके अंदर हमारे प्रति घृणा और दुश्मनी भरी पड़ी है
तो शायद ही हमें इन जैसे जानवरों की सहायता करनी चाहिए बाकी आप भी कमेंट में बता सकते हैं कि भारत को पाकिस्तानी नागरिकों की सहायता करनी चाहिए चीन से लाने के लिए या नहीं
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भारत में चाइना में फंसी अपने सभी नागरिकों को सकुशल और ठीक तरीके से वहां से पहले ही निकाल लिया था क्योंकि भारत को अंदाजा हो गया था कि यह महामारी एक बहुत ही विकराल रूप धारण कर लेगी और ऐसा हुआ भी अभी सोचने वाली बात यह है कि इस बीमारी का अभी कोई भी तोड़ या फिर कहिए दवाई अभी याद नहीं हुई है तो किस प्रकार से इस खतरनाक महामारी से बचा जा सकता है यह अभी संशय का ही प्रश्न है
पर आप इस बात को भी नकार नहीं सकते जब हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थी तो उन्होंने गल्फ कंट्रीज या फिर कहिए सऊदी कुवैत कतर और अन्य देशों में फंसे हुए अपने भारतीयों को भी बचाया है बहुत बार तो इन्होंने इस मामले में इस तरीके से भी बहुत जल्दी कदम उठाए हैं अगर कोई भी भारतीय किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कहीं पर फंसे होने का कोई वीडियो जारी करके सुषमा स्वराज जी से ऐसी मदद मांगता था तो सुषमा स्वराज जी हमेशा तत्पर नहीं है उनकी मदद करने के लिए और वहां से जल्द से जल्द निकाल देती थी पर पाकिस्तानियों के बारे में तो यह बिल्कुल ही उल्टा है आप देखें कि जब सुषमा स्वराज जी की तबीयत खराब थी और वह एम्स में भर्ती हुई थी तो उनके निधन पर एक पाकिस्तानी जानवरों की तरह गाली गलौज और अन्य खुशियां मना रहे थे तो क्या उस हिसाब से हमें इनकी मदद करनी चाहिए एक पड़ोसी होने की हैसियत से तो बिल्कुल भी नहीं क्योंकि अगर किसी पड़ोस में किसी पड़ोसी के घर कोई
इस तरीके की मौत हो जाती है तो पड़ोसियों का होता है कि वह उन्हें हर मामले में सहयोग करें क्योंकि उनके घर तो काफी दिनों तक खाना बना बनता भी नहीं है तो इस तरीके से तो यही कहा जा सकता है कि अगर कोई सच्चा पड़ोसी है तो वह ऐसे मामलों में या फिर ऐसी स्थिति में उसके साथ
जबकि पाकिस्तान के साथ बिल्कुल उल्टा है अगर कोई पड़ोसी दूसरे के दुख पर खुशी मनाता है तो उससे बड़ा दुश्मन उसका कोई नहीं हो सकता तो इस विषय में तो मैं यही कहना चाहूंगा कि आप खुद ही इन
ट्विटर के रिप्लाई से आप खुद ही जान सकते हैं कि किस तरीके से इनके अंदर हमारे प्रति घृणा और दुश्मनी भरी पड़ी है
तो शायद ही हमें इन जैसे जानवरों की सहायता करनी चाहिए बाकी आप भी कमेंट में बता सकते हैं कि भारत को पाकिस्तानी नागरिकों की सहायता करनी चाहिए चीन से लाने के लिए या नहीं
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