कुछ पत्रकार तो भारत में ऐसे हैं कि उन्हें विधवा विलाप के सिवाय कुछ नहीं सोचता बात दरअसल 1 हफ्ते पुरानी है दिवाली के अवसर पर एक छोटी लड़कियों में से कुछ ऐसा इकट्ठा करती हुई दिखती है

आज हम इस दूसरे पहलू में जो किस सिक्के का दूसरा पहलू है एक लड़की जो उसी की हम उम्र है दिए जलाते हुए दिख रही है और यह पूरी की पूरी मीडिया को बिल्कुल भी दिखाई नहीं देगा क्योंकि ना तो इससे उनके टीआरपी बढ़ेगी और ना ही उसको ऐसा हिंदुत्व का मुद्दा बनाने का मौक़ा मिलेगा.


मैं तो बस इन पत्रकारों से यही कहना चाहता हूं कि आप जितना भी अंधेरे की तरफ देखोगे आपकी जिंदगी में उतनी ही परेशानियां आती रहेगी



इसलिए हमेशा उजाले की और देखें और दूसरों को भी सत्य और उजाले के लिए प्रेरित करें ताकि दूसरा अपने पैरों पर खड़ा होकर अपने लिए ऐसा स्थान बना सके जिससे वह अपनी रोजी रोटी और अपने जीवन यापन का साधन जुटा सके.

सिक्के का अंधेरे वाला पहलू सिर्फ वही दिखाते हैं जिन्हें उजाला पसंद नहीं होता या जिन्हें वास्तविकता का पता होता है और अपने फ़ायदे के लिए कुछ भी बनाके खड़ा कर देते है

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