आख़िर क्यू हम अपने आपको इतना ठगा हुआ महसूस कर रहे है , क्यूँकि हम इस ठगी के शिकार है हमारा और हमारे क्षेत्र की और किसी भी नेता ने कभी सोचा ही नहि,
ये पिक्चर शामली बस स्टैंड की है साहब और आपको बता दे एक तो यहाँ के गढ्ढे जो आप फ़ोटो में देख ही रहे होंगे , और सड़क पर इतनी धूल लोग तो यहाँ आधे दमे से मार दिए जाएँगे , अगर आपको शामली से दिल्ली जाना है तो आपको दमे की बीमारी होना लाज़मी है.
शामली से थोड़ा निकलते हाई मामला देशभक्त इंटर कॉलेज से शुरू हो जाता है और सिलसिला पूरे कंधले तक का गवाह बनता है की हाँ म ही हु जो धूल से तुम्हें तबाह कर दूँगा,
सबसे ज़्यादा ख़तरनाक बेहाल है लिलोन और कर्मु खेड़ि के लोग यहाँ तो ऐसा लगता है कोई पथथर की फ़ैक्टरी लगी हुई है जिसमें दिन रात धूल धुआँ उड़ता रहता है
पर यहाँ बात है की यहाँ तो रात के ६ और साडे ६ के बाद कोई बस ही नहि मिलती दिल्ली जाने के लिए , अगर आपका भाग्य थोड़ा बहुत ठीक हैं तो शायद कोई भूली
बिछड़ी सहारनपुर रोड्वेज़ की बस आ जाए और आपको सीट मिल जाए तो आपके लिए शायद इस्से अच्छा कुछ ना हो , क्यूँकि ट्रेन तो अब कोई जाएगी नहि दिल्ली के लिए और जो है वो काफ़ी लेट आती है.
बहराल हमें दिक्कत इस बात से है हरियाणा जो हमसे इतने साल बाद बना है वहाँ दिन रात बसे चलती है लोगों की ज़िंदगी आसान बना रखी है और शायद अगर यहाँ के लोगों को भी अपने अच्छी सड़के और साधन बसे चाहिए तो आपको अपने एक छोटे राज्य के लिए माँग करनी पड़ेगी वो भी दरड़ विश्वास के साथ तभी आपकी आने वाली नस्लें कुछ ज़्यादा अच्छा जी पाएँगी नहि तो बस दमे वाली ही पुस्ते पैदा होंगी.
ये पिक्चर शामली बस स्टैंड की है साहब और आपको बता दे एक तो यहाँ के गढ्ढे जो आप फ़ोटो में देख ही रहे होंगे , और सड़क पर इतनी धूल लोग तो यहाँ आधे दमे से मार दिए जाएँगे , अगर आपको शामली से दिल्ली जाना है तो आपको दमे की बीमारी होना लाज़मी है.
शामली से थोड़ा निकलते हाई मामला देशभक्त इंटर कॉलेज से शुरू हो जाता है और सिलसिला पूरे कंधले तक का गवाह बनता है की हाँ म ही हु जो धूल से तुम्हें तबाह कर दूँगा,
सबसे ज़्यादा ख़तरनाक बेहाल है लिलोन और कर्मु खेड़ि के लोग यहाँ तो ऐसा लगता है कोई पथथर की फ़ैक्टरी लगी हुई है जिसमें दिन रात धूल धुआँ उड़ता रहता है
पर यहाँ बात है की यहाँ तो रात के ६ और साडे ६ के बाद कोई बस ही नहि मिलती दिल्ली जाने के लिए , अगर आपका भाग्य थोड़ा बहुत ठीक हैं तो शायद कोई भूली
बिछड़ी सहारनपुर रोड्वेज़ की बस आ जाए और आपको सीट मिल जाए तो आपके लिए शायद इस्से अच्छा कुछ ना हो , क्यूँकि ट्रेन तो अब कोई जाएगी नहि दिल्ली के लिए और जो है वो काफ़ी लेट आती है.
बहराल हमें दिक्कत इस बात से है हरियाणा जो हमसे इतने साल बाद बना है वहाँ दिन रात बसे चलती है लोगों की ज़िंदगी आसान बना रखी है और शायद अगर यहाँ के लोगों को भी अपने अच्छी सड़के और साधन बसे चाहिए तो आपको अपने एक छोटे राज्य के लिए माँग करनी पड़ेगी वो भी दरड़ विश्वास के साथ तभी आपकी आने वाली नस्लें कुछ ज़्यादा अच्छा जी पाएँगी नहि तो बस दमे वाली ही पुस्ते पैदा होंगी.
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